Wednesday 31 January 2018

तू इज़ाज़त जो दे....

चाहे जितना तू हमको -सता ले मोहन
पर अपना तू हमको -बना ले मोहन !

तू इज़ाज़त जो दे तो -मुकुट मैं बनूँ,
तेरे शीश पे सजू -इतराता फिरुँ,
कर दे कर दे करम -मुझ पे मेरे सोहन !
चाहे जितना तू हमको.....

तू इज़ाज़त जो दे तो -तिलक मैं बनूँ,
तू राधे चिंत्तन करे -मगन मैं भी रहूँ,
कर दे कर दे इनायत -ओ मेरे मोहन !
चाहे जितना तू हमको.....

तू इज़ाज़त जो दे तो- काजल मैं बनूँ,
नज़र लग न जाए तुझको -पहरेदारी करूँ,
कभी हमको भी मौका- मिले तो सोहन !
चाहे जितना तू हमको.....

तू इज़ाज़त जो दे तो -मुरली मैं बनूँ,
बन के कठपुतली नाचूँ-अधरों से लगूँ,
सफल हो जाएगा -मेरा भी जनम !
चाहे जितना तू हमको.....

तू इज़ाज़त जो दे तो -माला मैं बनूँ,
तेरे सीने से लगूँ -सब दिल की कहूँ,
कभी अवसर तो आये -मेरे दिलबर !
चाहे जितना तू हमको....

तू इज़ाज़त जो दे तो -बृज रज मैं बनूँ,
जब जहाँ पग धरे तू- बड़भागी बनूँ,
कर दे अहसान मुझ पे -मेरे राधारमण !
चाहे जितना तू हमको......

तू इज़ाज़त जो दे तो -गइया मैं बनूँ,
तू जहाँ ले चले -तेरे संग संग चलूँ,
मन भटके न फिर- दुनियां में सोहन !
चाहे जितना तू हमको.......

तू इज़ाज़त जो दे तो - बृज गोपी मैं बनूँ,
विरह वेदना सहूँ -मुख से कुछ न कहूँ,
रास रस में भिगोते -हमको रहना सजन !!
चाहे जितना तू हमको......

Friday 12 January 2018

सांई के चरण (भजन )

💐💐
सांई तेरे चरणों में
झुक जाये जिसका सर
खाता नहीं फिर ठोकरे
वो शख्स दर ब दर

अंधे की लाकड़ी है
तेरी दया मेरे सांई
लंगड़े की लाकड़ी है
तेरी दया मेरे सांई
मिलता है सहारा सबको
तेरे दर पे आकर
सांई तेरे .....

उम्मीद इस दुनियां से
रख कर के क्या मिलेगा
बनकर के खास अपना ही
तुझको कोई छलेगा
कहते रहना हाल ए दिल
सांई के दर जाकर
सांई तेरे ......

जिस दिल में रहता सांई
उसे कैसी फ़िकर है भाई
मझधार में हो नईया जब
पतवार बनते सांई
एक बार देख ले ज़रा तू
सांई को अपना कर
सांई तेरे .....
💐💐

Wednesday 10 January 2018

ओ मेरे ख़ुदा (गीत)

जर्रे जर्रे में तू
तेरा सारा जहाँ
मैं कठपुतली
तेरे हाथों की
चाहे जैसे नचा
मेरे अल्लाह
मेरे अल्लाह
ओ मेरे ख़ुदा
ओ मेरे ख़ुदा
तेरी आज़माइशें
मंज़ूर हैं मुझे
बस इतनी सी
इल्तिज़ा है
कभी हौंसला न टूटे
आख़िर मैं इंसान हूँ
और तू है मेरा ख़ुदा
मेरे अल्लाह
मेरे अल्लाह
ओ मेरे ख़ुदा
ओ मेरे ख़ुदा
सारी क़ायनात में
एक जर्रे की औकात क्या
पानी के बुलबुलों का यहाँ
जीना और मरना क्या
तेरी रज़ा से हो रहा
यहाँ जो भी हो रहा
मेरे अल्लाह
मेरे अल्लाह
ओ मेरे ख़ुदा
ओ मेरे ख़ुदा
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