चाहे जितना तू हमको -सता ले मोहन
पर अपना तू हमको -बना ले मोहन !
तू इज़ाज़त जो दे तो -मुकुट मैं बनूँ,
तेरे शीश पे सजू -इतराता फिरुँ,
कर दे कर दे करम -मुझ पे मेरे सोहन !
चाहे जितना तू हमको.....
तू इज़ाज़त जो दे तो -तिलक मैं बनूँ,
तू राधे चिंत्तन करे -मगन मैं भी रहूँ,
कर दे कर दे इनायत -ओ मेरे मोहन !
चाहे जितना तू हमको.....
तू इज़ाज़त जो दे तो- काजल मैं बनूँ,
नज़र लग न जाए तुझको -पहरेदारी करूँ,
कभी हमको भी मौका- मिले तो सोहन !
चाहे जितना तू हमको.....
तू इज़ाज़त जो दे तो -मुरली मैं बनूँ,
बन के कठपुतली नाचूँ-अधरों से लगूँ,
सफल हो जाएगा -मेरा भी जनम !
चाहे जितना तू हमको.....
तू इज़ाज़त जो दे तो -माला मैं बनूँ,
तेरे सीने से लगूँ -सब दिल की कहूँ,
कभी अवसर तो आये -मेरे दिलबर !
चाहे जितना तू हमको....
तू इज़ाज़त जो दे तो -बृज रज मैं बनूँ,
जब जहाँ पग धरे तू- बड़भागी बनूँ,
कर दे अहसान मुझ पे -मेरे राधारमण !
चाहे जितना तू हमको......
तू इज़ाज़त जो दे तो -गइया मैं बनूँ,
तू जहाँ ले चले -तेरे संग संग चलूँ,
मन भटके न फिर- दुनियां में सोहन !
चाहे जितना तू हमको.......
तू इज़ाज़त जो दे तो - बृज गोपी मैं बनूँ,
विरह वेदना सहूँ -मुख से कुछ न कहूँ,
रास रस में भिगोते -हमको रहना सजन !!
चाहे जितना तू हमको......